क्या है टीकाकरण (What is vaccination?)
क्या है टीकाकरण
घातक संक्रामक बीमारी के विरुद्ध बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए टीके लगाए जाते हैं। शिशुओं के शरीर में प्रवेश कराए जाने वाले विशिष्ट प्रकार के एन्टीजन की प्रक्रिया को टीकाकरण (वैक्सीनेशन) कहते हैं।इसे दो तरीकों से दिया जाता है। प्राथमिक -इंजेक्शन के रूप में, दूसरा गौण - बूस्टर डोज़ या मुंह में सीधा डालकर दिया जाता है। टीकाकरण बच्चों को जन्म से पांच वर्ष की उम्र तक दिया जाता है।
टीकाकरण विश्व स्तरीय अभियान है जो महत्वपूर्ण बीमारियों से लोगों को सुरक्षा प्रदान करता है। यह बीमारियां जीवन खतरे का कारण बन सकती हैं। टीको के माध्यम से विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए एक शक्तिशाली तंत्र विकसित किया गया है।
टीकाकरण के महत्व:-
टीकाकरण के महत्व को समझने के लिए, हमें बीमारी की विस्तारपूर्वक समझ की आवश्यकता होती है। बीमारी के लक्षण के बाद उपचार शुरू करना आमतौर पर असफल होता है। इसलिए, वैक्सीनेशन बच्चों में बीमारी के खिलाफ प्रतिरक्षा झमता विकसित करने में सक्षम होता है। यह जीवन की अवधि बढ़ाता है।
वैक्सीन से हमारे शरीर में कुछ विशिष्ट ऊर्जा उत्पन्न होती है। जो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करती है। इसके बाद हम रोग से बचाव के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं। वैक्सीनेशन के माध्यम से, अनेक रोग जैसे पोलियो, टीबी, मुम्मी, जानलेवा बुखार, हेपेटाइटिस और कोविड-19 जैसे रोगों से बचाव किया जा सकता है। वैक्सीनेशन से समाज को जागरूक किया जाता है।
टीकाकरण के लाभ:-
- बच्चों को संक्रामक रोगों से बचाव करता है।
- टीकाकरण के बाद भी रोग होने पर उसकी तीव्रता कम रहती है।
- टीकाकरण रोगों से बचाव के कारण दवा पर होने वाले खर्च से भी बचाव होता है।
- शरीर पर रोगों का हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है।
- बल मृत्यु देर में कमी आती है।
शिशुओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने हेतु टीके :---
चेचक:-
चेचक को शीतला के नाम से भी जानते है। इस टीके का अविष्कार 'जेनर' ने 1798 ने किया। इसके द्वारा 'वैक्सीनिया वायरस' या 'COW POX VIRUS' को शरीर में प्रविष्ट कराकर सक्रिय रोग प्रतिरोधक झमता उपार्जित की जाती है। यह टीका बच्चों में तीन बार दिया जाता है।
प्राथमिक टीका 0 -3 माह में बाहु पर त्रिकोणिका पेशी (Deltoid Muscle) पर , दूसरा 5 वर्ष की आयु में अग्र बाहु (Fore Arm )पर दबाब विधि द्वारा लगाया जाता है , तीसरा 8 वर्ष की आयु में लगाया जाता है।
बी. सी. जी. (Bacille Calmette Guerin )
यह टीका पहली बार 1 माह की उम्र में तपेदिक (झयरोग ) Tuberculosis के लिए दिया जाता है। जिसकी खोज दो वैज्ञानिकों 'Calmtte और Guerin' ने किया था। इस टीको को लगाने के लिए ट्यूबर क्यूलिन टेस्ट किया जाता है। जो बच्चे निगेटिव होते है उन्हें लगाया जाता है। यह बाह के ऊपरी भाग पर लगता है इसके लगने के 6 सप्ताह से 3 माह के बीच गाँठ का निर्माण होता है। दूसरा टीका 5 -7 वर्ष की आयु में लगता है।
डी. पी. टी. (Triple Antegen )
डिफ्थीरिया ,कुकर खाँसी(Pertussis) ,टिटनेस इन तीनों बीमारियों से बचाने के लिए ट्रिपल एंटीजन का टीका लगाया जाता है.जिसको तैयार करने के लिए तीनों रोगों के जीवाणुओं का "जीव विष" मिला कर तैयार किये जाते है। यह टीका तीसरे ,चौथे व पाँचवे माह में लगता है। इसके बाद दूसरे वर्ष में बूस्टर डोज दी जाती है। जिसको देने के पश्चात बुखार आता है और टीकाकरण के स्थान पर पीड़ा होती है।
A.T.S.(Anti Tetanus Serum) टिटनेस
वैसे तो डी.पी.टी. के टीके में टिटनेस का टीका सम्मलित रहता है। जब कोई अधिक जल जाए ,या गहरी चोट लग जाने पर डॉक्टर उस मरीज को अलग से "एण्टी टिटनेस सीरम" का टीका लगवाने की सलाह दी जाती है। यह केवल उन्ही व्यक्तियों को लगता है जिन्हे पहले "टिटनेस टॉक्साइड" के टीके न लगाए गए हो। गर्भावस्था में टिटनेस टॉक्साइड का तीन टीके शुरुआत के प्रत्येक माह में लगते है।
पोलियो का टीका
पोलियो रोग में 'तंत्रिका तंत्र' प्रभावित होता है। जिससे बालकों में पक्षाघात हो जाता है। यह महामारी रोग है। पोलियो का टीका तरल बूँदों के रूप में जन्म के तीसरे ,चौथे और पांचवें माह में दिए जाते है। सर्वप्रथम 1957 में 'साक वैक्सीन' नाम से पोलियो वैक्सीन का अविष्कार हुआ। फिर 1961 में 'सेबिन्स वैक्सीन' को निर्मित किया गया। एक व दो वर्ष की आयु होने पर पोलियो की बूस्टर डोज दी जाती है।
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हैजे का टीका
हैजा तीव्र संक्रामक रोग है। यह महामारी का रूप ले लेता है। यह मई से अक्टूबर तक इसका प्रकोप अधिक रहता है। "मृत विब्रियो कॉलेरी जीवाणु" से हैजे का टीका तैयार किया जाता है। इसकी एक बोतल में 8 अरब जीवाणु रहते है। इस टीके के लगने के 8 दिन बाद प्रतिकारिता उत्पन्न हो जाती है।
टायफायड और पैराटायफायड का टीका
टायफायड और पैराटायफायड का टीका दोनों ही संचारी रोग है। परन्तु टायफायड की प्रकृति तीव्र होती है जबकि पैराटायफायड धीमी प्रकृति का रोग है। इस रोग के रोगाणु "बैसिलस टाइफोसस और बैसिलस पैराटाइफोसस" आँतों में प्रवेश करके रक्त के साथ पुरे शरीर में फैलते है। इन्ही में मृत जीवाणुओं से T.A.B.(Typhoid-Parathphoid A and B) वैक्सीन को बनाया गया है। बच्चो को ये टीका 1 से 2 वर्ष के अंदर ही 4 से 6 सप्ताह के अंतर पर दो बार लगवाए जाते है। जो एक वर्ष तक शरीर पर प्रभाव डालता है। बूस्टर डोज प्रति वर्ष गर्मियों के शुरुआती दिनों में देना चाहिए।
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टीकाकरण चार्ट
टीकाकरण संबंधित आवश्यक जानकारी :--
- प्रत्येक टीका निर्धारित आयु व समय पर ही लगवाना चाहिए।
- संक्रामक रोग ,तेज बुखार ,उल्टी व दस्त या रक्त कैंसर होने पर टीके नहीं लगवाने चाहिए।
- टीका लगने के आधा घंटे पहले या आधा घंटा बाद तक कुछ बी खाने या पीने के लिए नहीं देना चाहिए।
- जिन वैक्सीनों को एक साथ दिया जाता है उन्हें एक साथ ही लगवाना चाहिए।
- ट्रिपल वैक्सीन व पोलियो वैक्सीन डॉक्टर के परीक्षण के बाद ही दिया जाना चाहिए।
- ट्रिपल वैक्सीन व पोलियो वैक्सीन देने से एक घंटे पहले व 6 घंटे बाद तक कुछ भी खाने व पीने को नहीं दिया जाना चाहिए।
FAQ-
QUS- 1.भारत में टीकाकरण कार्यक्रम क्या है?
ANS- वर्ष1975 में राष्ट्रीय टीकाकरण नीति के द्वारा EPI (Expanded Program of Immunization)शुभारंभ किया गया। जिसे 1985 में बदलकर Universal Immunization Program (UIP) के रूप में पूरे भारत वर्ष में चलाया गया।
QUS-2. टीकाकरण के बाद बुखार आने के क्या कारण हैं?
ANS- वैक्सीन का बच्चे के शारीरिक तंत्र पर सामान्य प्रभाव डालना ही बुखार आने का कारण होता है।
QUS-3. बीसीजी का टीका लगवाने के बाद बच्चे की बांह पर कोई निशान ना उभरे तो क्या करना चाहिए ?
ANS- बीसीजी का टीका लगवाने के बाद बच्चे की बांह पर कोई निशान ना उभरे तो बच्चे को फिर से टीका नहीं लगवाना की चाहिए ।
QUS-4. टिटनेस वैक्सीन का आविष्कार कब हुआ ?
ANS- सर्वप्रथम टिटनेस के एन्टीसेरम की खोज जर्मन फिजियोलॉजिस्ट 'एमिल वॉन बेहरिंग' ने 1890 विकसित किया था। टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन का आविष्कार 1924 में हुआ था। 1948 में डी.टी.पी.संयुक्त टीके का पहली बार उपयोग किया गया।
QNS-5. टीकाकरण का जनक कौन है?
ANS- टीकाकरण के जनक अंग्रेजी भौतिकशास्त्री, वैज्ञानिक डॉ एडवर्ड जेनर थे। जिन्होंने सन् 1796 पहले चेचक के टीके के आविष्कार किया। एडवर्ड जेनर को "इम्यूनोलॉजी का पिता" भी कहा जाता है। यह टीका एक बच्चे जेम्स फिप्स को लगाया था।
QNS-6. राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस पहली बार कब मनाया गया ?
ANS- 16 मार्च 1995 को पहली बार टीकाकरण दिवस मनाया गया था|

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