हॉर्मोन्स क्या होते है (what is Hormones in hindi )
हॉर्मोन्स (Hormones in Hindi)
हॉर्मोन्स या ग्रंथि रस यह कोशिकाओं व अंत स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित होने वाला जटिल कार्बनिक पर्दार्थ है| जो जीवित प्राणियों में होने वाली क्रियाओं पाचन ,प्रजनन ,वृद्धि विकास आदि का संचालन व नियंत्रण करती है|
हार्मोन्स दो प्रकार के होते है -
- प्रसरण हॉर्मोन (Diffusion) -वह हॉर्मोन्स जो शरीर के ऊतकों से निर्मित होते है और उन्ही पैर प्रभाव डालते है|
- परिसंचारी या परिवर्तनशील हॉर्मोन्स (Cirulating)- जो नलिकाविहीन ग्रंथियों से स्रावित होते है | यह हॉर्मोन्स पूरे शरीर पर प्रभाव डालते है परन्तु आजीवन प्रभावित रहते है | यह रक्त प्रवाह के द्वारा संचार मार्गो में घूमते रहते है|
अंत स्रावी ग्रंथिओं (नलिका विहीन ग्रन्थियाँ )द्वारा स्रावित हॉर्मोन्स
पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland)-
पियूष ग्रंथि के अग्र भाग से स्रावित होने वाले हॉर्मोन्स -
- STH-Somta Tropic Hormone( Small Tall Hormons)- यह हॉर्मोन्स शारीरिक वृद्धि और अस्थियों की वृद्धि को प्रभावित करती है |इसे HCH(Human Growth Hormone) भी कहते है| इस हॉर्मोन्स की कमी से बौनापन(Dwarfism) व समय से पूर्व बुढ़ापा(Myxedema) आ जाता है| STH इसकी अधिकता से - लम्बाई बहुत अधिक बढ़(Gigantism) जाती है या शरीर भीमकाय (Acromegaly) हो जाता है|
- थायराइड उत्तेजक हार्मोन्स (TSH-Thyroid Simulating Hormone(Thyrotropic) -थाइराइड हॉर्मोन के उत्पादन व श्राव को प्रभावित करती है| यह थायराइड ग्रंथि में उत्पादित होता है | इस ग्रंथि को Endocrine System पेसमेकर कहते है| यह पियूष ग्रंथि के साथ मिल कर जल संतुलन का नियंत्रण करती है| इस हॉर्मोन की कमी से घेंघा रोग हो जाता है | पैराथायराइड ग्रंथि -थायरायड ग्रंथि के पीछे मौजूद होती है| इससे निकलने वाले हॉर्मोन खून में कैल्सियम को नियंत्रित करते है| इस ग्रंथि से दो प्रकार के हॉर्मोन्स का श्रावण होता है| 1- पैराथायरॉयड हॉर्मोन- शरीर में कैल्शियम की मात्रा की अधिकता होने पर निकलता है| 2-कैल्सिटोनिन हॉर्मोन्स- शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होने पर निकलता है|
- ACTH-एड्रिनोट्रॉपिक हॉर्मोन्स (एड्रेनो कर्टिको ट्रोपिक हॉर्मोन )- एड्रिनल कोर्टेक्स पर प्रभाव डालकर उसे उत्तेजित करता है |
- फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन FSH(Follicle Stimulating Hormone)- यह हॉर्मोन एस्ट्रोजन बनाती है तथा महिलाओं में ओव्युलेशन और फर्टीलाइजेशन के लिए ओवरी से अंडे को रिलीज करती है|
- लुटेइनीज़िंग हॉर्मोन LH-(luteinzing) यह हॉर्मोन जनन अंगो(महिलाओं के अंडाशय,पुरुषो के शुक्राशय) पर कार्य करता है |यह पुरुषो में टेस्टोस्टेरॉन और शुक्राणु बनाने में सहायक होता है |
- गोनाडोट्रोपिन हॉर्मोन (Gonadotropin Hormone)- यह एक ग्लाइकोप्रोटीन हॉर्मोन है| जो प्रजनन व अंतःस्रावी कार्यो के लिए सेक्स ग्रंथियों को उत्तेजित करता है |
पियूष ग्रंथि के पश्च भाग (हाइपोथैलमस )से निकलने वाले हॉर्मोन -
- ऑक्सी टॉक्सिन हॉर्मोन (Oxy Tocin Hormone)- यह हॉर्मोन लव हॉर्मोन भी कहलाता है| यह सेक्स रिलेशन ,शिशु जन्म के समय गर्भाशय के संकुचन में सहायक होता है और उसकेमहिलाओँ में होने वाले मासिक धर्म में सहायक होता है |
- एंटी ड्यूरेटिक हॉर्मोन(ADH-Anti Diuretic Hormone) - इसे Vasopressin Hormone भी कहते है| यह हॉर्मोन मूत्राशय स्राव को कम करता है और किडनी में जल की मात्रा को निर्धारित करता है|
पीनियल ग्रंथि (मष्तिस्क की तीसरी आँख ) निकलने वाले हॉर्मोन -
मेलाटोनिन हॉर्मोन (Melatonin Hormone)-यह हॉर्मोन नींद को नियंत्रित करता है |
अधिवृक्क ग्रंथि - इसे सुपर रीनल ग्रंथि भी कहते है |इससे जीवन रक्षक हॉर्मोन निकलता है| जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है|चयापचय की क्रिया को चलाता है| यह हॉर्मोन तनाव की स्थति होने पर स्रावित होने लगता है|
कोर्टिसोल हॉर्मोन - यह एक स्टेरॉइड हॉर्मोन है| शरीर की ज्यादातर कोशिकाये में यह हॉर्मोन मौजूद होता है| इसे स्ट्रेस हॉर्मोन भी कहते है| इसे लड़ो और उड़ो (Fight and Flight) हॉर्मोन कहते है|
एड्रिनल के दो भाग होते है| 1-कोर्टेक्स और 2-मेडूला |
कोर्टेक्स से निकलने वाले हॉर्मोन -




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