पोषण के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगठन (Rashtriy aur Antarrashtriy Swasthya Sangathan)



 स्वास्थ्य व पोषण के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगठन 

किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में स्वास्थ्य व पोषण के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी रखना आवश्यक है। विश्व में प्रायः समय समय पर स्वास्थ्य से जुड़े संकट आते रहते है।  जिनसे निपटने के लिए बहुत से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा योगदान दिया जाता है। जिसके लिए बहुत सी स्वास्थ्य संगठनों का गठन हुआ है।  आज हम इन संगठनों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते है।  

स्वास्थ्य व पोषण के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संगठन


स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र  में योगदान देने वाली महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संगठन :-

राष्ट्रीय पोषण संस्थान:-

यह संस्थान भारत के हैदराबाद में है।  भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) की स्थापना 1918 में कुन्नूर (अब तमिलनाडु में) की एक कमरे की प्रयोगशाला से शुरू हुई।  एनआईएन के संस्थापक निदेशक सर रॉबर्ट मैककारिसन को भारत में पोषण अनुसंधान का जनक रूप में मन जाता है राष्ट्रीय पोषण अभियान जो कि राष्ट्रीय पोषण संस्थान (National Nutrition Institute) के नाम से भी जाना जाता है

 राष्ट्रीय पोषण संस्थान का उद्देश्य भारत में मातृत्व और शिशु रोगों को कम करने, बच्चों और महिलाओं के भोजन की गुणवत्ता को बढ़ाने और उन्हें पोषण संबंधित समस्याओं में सुधार लाना और उनसे बचाने के लिए जागरूकता फैलाना है। इस संस्था के द्वारा भारत में पोषण से संबंधित समस्याओं का समाधान शिक्षा, शोध, संशोधन और परामर्श अनुसंधान और अध्ययन के माध्यम से ढूंढते हैं।

राष्ट्रीय पोषण संस्थान द्वारा बच्चों और महिलाओं के भोजन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मंत्रालयों, निगमों और संस्थानों के साथ सहयोग करना, स्थानीय समुदायों को संयोजित करके कई प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाए जाते हैं।  

Ayusman bhart Yojna


आयुष्मान भारत योजना :-

आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत , राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की सिफारिश द्वारा की गई थी।  आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना या पी एम-जय को  23 सितंबर, 2018 में  रांची के  झारखंड में भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। जन आरोग्य योजना (PMJAYE) भारत सरकार द्वारा चलाई जाने  वाली एक ऐसी लोक प्रिय स्वास्थ्य बीमा योजना है। 

जिसके तहत गरीब और कमजोर लोगों को अस्पतालों में  मुफ्त में इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य भारत के गरीब और कमजोर लोगों को उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए 5 लाख रूपये तक का बीमा कवर देना है।

इस योजना के अंतर्गत आने वाले हर गरीब परिवार को लाभ दिया जाता है। यह योजना का लाभ उपलब्ध कराने के लिए, आपको आयुष्मान मित्र से संपर्क करना पड़ेगा। आयुष्मान मित्र आपको इस योजना के बारे में सभी जानकारी देता है और आपके इलाज के लिए आपको कौन से अस्पताल में एडमिट होना है उसके बारे में भी बताता है।

इस योजना के तहत लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण,अस्पताल में भर्ती , उचित दवा और चिकित्सा उपचार,गहन देखभाल सेवाएं और परामर्श ,प्रयोगशाला जांच ,खाद्य सेवाएं अस्पताल में भर्ती होने के बाद 15 दिनों प्रदान की जाती है। 


भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी:-

भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी (Indian Red Cross Society) एक राष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन है जो भारत सरकार के अधीन है। इसकी स्थापना 7 जून 1920 को संयुक्त युद्ध समिति की भारतीय शाखा के सदस्यों के द्वारा हुई। यह इंटरनेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट मूवमेंट की एक शाखा और उसी के मौलिक सिद्धांतो पर काम करती है। इस संगठन का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और इसके कई राज्य स्तरीय शाखाएं हैं।

भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी का मुख्य उद्देश्य है अपने लोगों की आपदाओं/आपातकाल के समय मदद करना और उनकी सेवा करना। इस संगठन के द्वारा लोगों को जानलेवा स्थितियों से निपटने में मदद मिलती है। यह संगठन कमजोर लोगों और समुदायों के जीवन रक्षा के क्षेत्र में भी काम करता है।

भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी के कुछ उपलब्धियों में से एक उनकी शिक्षा कार्यक्रम है। इस संगठन के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत से काम किए जाते हैं। इस संगठन ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा दी और लोगों की जिंदगी को सुधारने में मदद की।

भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा की जाने वाली अन्य गतिविधियों में समुदाय सेवा, स्वास्थ्य सेवाएं और कैंसर जैसी बीमारियों के खिलाफ जागरूकता प्रदान करना। 

स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र  में योगदान देने वाली महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठन :-

UNICEF


UNICEF - सयुंक्त राष्ट्र संघ शिशु आपातकालीन निधि :-

UNICEF -पहले इसका नाम सयुंक्त राष्ट्र संघ शिशु आपातकालीन निधि था जिसे बदलकर सयुंक्त राष्ट्र संघ शिशु निधि कर दिया गया है। इसकी स्थापना १९४६ में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद  माँ और बच्चों के लिए आर्थिक मदद की आवश्यकता थी। उस समय संगठन का मुख्य उद्देश्य था अति शोषित और विपदाग्रस्त बच्चों की रक्षा करना। भारत में इसकी स्थापना 1949 में हुई थी।यूनाइसेफ का मूल मंत्र "हर बच्चे को संभवतः सबसे अच्छा" है।

भारत वर्ष में यूनीसेफ के कार्य -

  1. मातृ एवं शिशु कल्याण एवं ग्रामीण स्वास्थ सेवा केंद्र आरम्भ किये 
  2. युवा वर्ग के लिए पूर्व व्यवसायिक शिक्षा देने का प्रबंध किया 
  3. यूनाइसेफ के निरंतर प्रयासों से विश्व भर में लाखों बच्चों को स्वस्थ, शिक्षित, सुरक्षित एवं खुशहाल बना रहा है।
  4.  इस संगठन द्वारा सभी बीमारियों के नियंत्रण के लिए प्रयास किये गए जिनमें मुख्यतः कोढ़ ,क्षयरोग ,चेचक ,टायकोना ,घेंघा आदि।
वर्तमान में 'गोबी' नामक अभियान चलाकर शिशु औ बालकों की मृत्यु दर को कम करने का प्रयास किया गया है। इसके अंतर्गत 6 घातक बीमारियों से बचने के लिए चार कार्यक्रम चलाये जा रहे है। 
  1. वृद्धि पर निगरानी रखना 
  2. मौखिक पुनर्जलीकरण 
  3. स्तनपान को प्रोत्साहन 
  4. प्रतिरक्षण कार्यक्रम  

F.A.O आहार एवं कृषि संगठन :-

F.A.O आहार एवं कृषि संगठन इसकी स्थापना अक्टूबर 1945 में क्यूबेक ,कनाडा में हुई ,जिसमें 42 देशों ने सदस्यता ली। इसके बाद 1951 में 68 देश व 1961 में 104 देश इसके सदस्य बन गए।  इसका मुख्य उद्देश्य सभी देशों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए वहाँ की कृषि ,आर्थिक ,मत्स्य पालन ,वन विभाग ,और पोषण स्थिति में सुधार लेन के लिए तकनीकी सहायता देना। इसका कार्य खाद्यान्न ,उत्पादन और विक्रय -वितरण की स्थिति की जानकारी रखना और उसमे सुधार लाने का प्रयास करना 

FAO ने 1960 में कुपोषण व भुखमरी से मुक्ति के प्रति जागरूकता  के लिए 1960 में  'भुखमरी से मुक्ति '(फ्रीडम फॉर हंगर कम्पैग्न ) अभियान चलाया

W.H.O.


W.H.O. विश्व स्वास्थ्य संगठन :-

W.H.O. (World Health Organization) एक अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन है जो स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और संरक्षित करने के लिए विश्वभर में काम करता है। इसे 7 अप्रैल, 1948 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित है।

दक्षिण पूर्वी एशिया का मुख्यालय भारत ( दिल्ली ) में 1949 में प्रारम्भ हुआ था।  इस संगठन का मुख्य उद्देश्य पोषण स्तर व् संक्रामक रोगों की रोकथाम ,स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारना, संरक्षित करना और उन्हें सबके लिए उपलब्ध बनाना है। इस संगठन द्वारा व्यवहारिक आहार कार्यक्रम ,विश्व आहार कार्यक्रम द्वारा सहयोग प्रदान करना W.H.O. द्वारा प्रोटीन -कैलोरी सलाहकार सिमित का गठन 1955 में किया गया  

छोटे मोटे रोगों से लेकर महामारी जैसे पोलियो, मलेरिया, टीबी आदि के खिलाफ लड़ाई में संगठन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सुनिश्चित किया है कि दुनिया भर में संचार बीमारियों और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होता रहा है।

ICDS एकीकृत बाल विकास योजना :-

 एकीकृत बाल विकास योजना एक राष्ट्रीय स्तर की योजना है जो भारत सरकार द्वारा 1975 -76 में  बच्चों के शारीरिक ,मानसिक और सामाजिक  विकास करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के छः वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती स्त्रियों के आहार एवं स्वास्थ्य सेवाएं देना ,गरीब बच्चों की देखभाल, उनकी शिक्षा और स्वस्थ विकास स्वास्थ्य और पोषण, बच्चों की सुरक्षा  समर्थन करना है। 

यह योजना सभी राज्यों में लागू है और इसका लक्ष्य अपनाने के लिए सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जाता है। इस योजना के तहत, सरकार बच्चों की संख्या का अनुमान लगाती है और उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करती है।इस योजना के अंतर्गत, बच्चों की तरह स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों के लिए विशेष उपलब्धियों का विकास किया जाता है| 

CARE :-

केयर (को -ऑपरेटिव फॉर अमेरिकन रिलीफ एवरीव्हेर ) इसकी स्थापना सन 1946 में यूरोपियन लोगों की सहायता के लिए खाद्य -सामग्री भेजने के लिए की गई थी|यह गैर सरकारी संस्था है। भारत में इसकी स्थापना सन 1950 हुई। भारत के स्कूलों में बच्चों को उचित पोषण देने के लिए मध्यान्ह आहार योजना देने के लिए शुरू किया गया |इसके आलावा शालेय आहार योजना ,चिकित्सा वाहन ,परीक्षण उपकरण ,एक्स -रे मशीन ,दवाइयाँ ,विटामिन ए की कमी से अंधेपन को दूर करने के लिए विटामिन ए की खुराक व विटामिन ए युक्त भोजन देने का कार्यक्रम प्रारम्भ किया|

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